3 stories that can change your Life - तीन कहानियाँ- जो बदल सकती हैं आपकी ज़िन्दगी !

पढ़िए iPod और iPhone बनाने वाली कंपनी Apple के founder Steve Jobs के जीवन की तीन कहानियां जो  बदल सकती हैं आपकी भी ज़िन्दगी.




जब कभी दुनिया के सबसे प्रभावशाली entrepreneurs का नाम लिया जाता है तो उसमे कोई और नाम हो न हो,एक नाम ज़रूर आता है. और वो नाम है STEVE JOBS (स्टीव जॉब्स ) का. APPLE Company के co-founder इस अमेरिकी को दुनिया सिर्फ एक successful entrepreneur, inventor और businessman के रूप में ही नहीं जानती है बल्कि उन्हें world के अग्रणी motivators और speakers  में भी गिना जाता है. और आज आपके साथ बेहतरीन Hindi articles share करने की अपनी commitment को पूरा करते हुए हम AchhiKhabar.Com पर आपके साथ  Steve Jobs की अब तक की one of the best speech “Stay Hungry Stay Foolish” Hindi में share कर रहे हैं. यह speech उन्होंने Stanford University के convocation ceremony (दीक्षांत समारोह) में 12 June 2005 को दी थी.

         STEVE JOBS CONVOCATION SPEECH AT STANFORD
“Stay Hungry Stay Foolish”

“Thank You ! आज world की सबसे बहेतरीन Universities में से एक के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. मैं आपको एक सच बता दूं; मैं कभी किसी college से pass नहीं हुआ; और आज पहली बार मैं किसी college graduation ceremony के इतना करीब पहुंचा हूँ. आज मैं आपको अपने जीवन की तीन कहानियां सुनाना चाहूँगा… ज्यादा कुछ नहीं बस तीन कहानियां.

मेरी पहली कहानी dots connect करने के बारे में है. Reed College में दाखिला लेने के 6 महीने के अंदर ही मैंने पढाई छोड़ दी, पर मैं उसके 18 महीने बाद तक वहाँ किसी तरह आता-जाता रहा. तो सवाल उठता है कि मैंने college क्यों छोड़ा ? Actually, इसकी शुरुआत मेरे जन्म से पहले की है.

 मेरी biological mother*  एक young, अविवाहित  graduate student थी, और वह मुझे किसी और को adoption के लिए देना चाहती थी. पर उनकी एक ख्वाईश थी कि कोई college graduate ही मुझे adopt करे. सबकुछ बिलकुल set था और मैं एक वकील और उसकी wife के द्वारा adopt किया जाने वाला था कि अचानक उस couple ने अपना विचार बदल दिया और decide किया कि उन्हें एक लड़की चाहिए. इसलिए तब आधी-रात को मेरे parents, जो तब waiting list में थे, को call  करके बोला गया कि, “हमारे पास एक baby-boy है, क्या आप उसे गोद लेना चाहेंगे?” और उन्होंने झट से हाँ कर दी. बाद में मेरी biological mother  को पता चला कि मेरी माँ college pass नहीं हैं और पिता तो High School पास भी नहीं हैं. इसलिए उन्होंने Adoption Papers sign करने से मना कर दिया; पर कुछ महीनो बाद मेरे होने वाले parents के मुझे college भेजने के आश्वासन के बाद वो मान गयीं. तो मेरी जिंदगी कि शुरुआत कुछ इस तरह हुई और सत्रह साल बाद मैं college गया….पर गलती से मैंने Stanford जितना ही महंगा college चुन लिया. मेरे working-class parents की सारी जमा-पूँजी मेरी पढाई में जाने लगी. 6 महीने बाद मुझे इस पढाई में कोई value नहीं दिखी. मुझे कुछ idea नहीं था कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करना चाहता हूँ, और college मुझे किस तरह से इसमें help करेगा..और ऊपर से मैं अपनी parents की जीवन भर कि कमाई खर्च करता जा रहा था. इसलिए मैंने कॉलेज drop-out करने का निर्णय लिए…और सोचा जो होगा अच्छा होगा. उस समय तो यह सब-कुछ मेरे लिए काफी डरावना था पर जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो मुझे लगता है ये मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा decision था.

जैसे ही मैंने college छोड़ा मेरे ऊपर से ज़रूरी classes करने की बाध्यता खत्म हो गयी . और मैं चुप-चाप सिर्फ अपने interest की classes करने लगा. ये सब कुछ इतना आसान नहीं था. मेरे पास रहने के लिए कोई room नहीं था, इसलिए मुझे दोस्तों के room में फर्श पे सोना पड़ता था. मैं coke की bottle को लौटाने से मिलने वाले पैसों से खाना खता था….मैं हर Sunday  7 मील पैदल चल कर Hare Krishna Temple  जाता था, ताकि कम से कम हफ्ते में एक दिन पेट भर कर खाना खा सकूं. यह मुझे काफी अच्छा लगता था.

मैंने अपनी life में जो भी अपनी curiosity और intuition की वजह से किया वह बाद में मेरे लिए priceless साबित हुआ. Let me give an example. उस समय Reed College शायद दुनिया की सबसे अच्छी जगह थी जहाँ Calligraphy* सिखाई जाती थी. पूरे campus में हर एक poster, हर एक label बड़ी खूबसूरती से हांथों से calligraph  किया होता था. चूँकि मैं college से drop-out कर चुका था इसलिए मुझे normal classes करने की कोई ज़रूरत नहीं थी. मैंने तय किया की मैं calligraphy की classes करूँगा और इसे अच्छी तरह से सीखूंगा. मैंने serif और sans-serif type-faces के बारे में सीखा; अलग-अलग letter-combination के बीच में space vary करना और किसी अच्छी  typography को क्या चीज अच्छा बनाती है, यह भी सीखा. यह खूबसूरत था, इतना artistic था कि इसे science द्वारा capture  नहीं किया जा सकता था, और ये मुझे बेहद अच्छा लगता था. उस समय ज़रा सी भी उम्मीद नहीं थी कि मैं इन चीजों का use कभी अपनी life में करूँगा. लेकिन जब दस साल बाद हम पहला Macintosh Computer बना रहे थे तब मैंने इसे Mac में design कर दिया. और Mac  खूबसूरत typography युक्त दुनिया का पहला computer बन गया. अगर मैंने college से drop-out नहीं किया होता तो Mac मैं कभी multiple-typefaces या proportionally spaced fonts नहीं होते, और चूँकि Windows ने Mac की copy की थी तो शायद किसी भी personal computer में ये चीजें नहीं होतीं. अगर मैंने कभी drop-out ही नहीं किया होता तो मैं कभी calligraphy की वो classes नहीं कर पाता और फिर शायद personal computers में जो fonts होते हैं, वो होते ही नहीं.

Of course, जब मैं college में था तब भविष्य में देख कर इन dots को connect करना  impossible था; लेकिन दस साल बाद जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो सब कुछ बिलकुल साफ़ नज़र आता है. आप कभी भी future में झांक कर dots connect नहीं कर सकते हैं. आप सिर्फ past देखकर ही dots connect कर सकते हैं; इसलिए आपको यकीन करना होगा की अभी जो हो रहा है वह आगे चल कर किसी न किसी तरह आपके future से connect हो जायेगा. आपको किसी न किसी चीज में विश्ववास करना ही होगा —अपने guts में, अपनी destiny में, अपनी जिंदगी या फिर अपने कर्म में…किसी न किसी चीज मैं विश्वास करना ही होगा…क्योंकि इस बात में believe करना की आगे चल कर dots connect होंगे आपको अपने दिल की आवाज़ सुनने की हिम्मत देगा…तब भी जब आप बिलकुल अलग रास्ते पर चल रहे होंगे…and that will make the difference.

मेरी दूसरी कहानी, love और loss  के बारे में है. मैं जिस चीज को चाहता था वह मुझे जल्दी ही मिल गयी. Woz और मैंने अपने parents के गराज से Apple शरू की तब मैं 20 साल का था. हमने बहुत मेहनत की और 10 साल में Apple दो लोगों से बढ़ कर $2 Billion  और 4000 लोगों की company हो गयी. हमने अभी एक साल पहले ही अपनी finest creation Macintosh release की, मैं तीस का हो गया था और मुझे company से fire कर दिया गया.

आप अपनी बनायीं हुई company से fire कैसे हो सकते हैं? Well, जैसे-जैसे company grow की, हमने एक ऐसे talented आदमी को hire किया, जिसे मैंने सोचा कि वो मेरे साथ मिलकर company run करेगा, पहले एक साल सब-कुछ ठीक-ठाक चला…. लेकिन फिर company के future vision को लेकर हम दोनों में मतभेद होने लगे. बात Board Of Directors तक पहुँच गयी, और उन लोगों ने उसका साथ दिया, so at thirty, मुझे निकाल दिया गया…publicly निकाल दिया गया. जो मेरी पूरी adult life का focus था वह अब खत्म हो चुका था, और ये बिलकुल ही तबाह करने वाला था. मुझे सचमुच अगले कुछ महीनो तक समझ ही नहीं आया कि मैं क्या करूं.

मुझे महसूस हुआ कि ये सबकुछ इतनी आसानी से accept करके मैंने अपने पहले कि generation के entrepreneurs को नीचा दिखाया है. मैं David Packard* और Bob Noyce* से मिला और उनसे सबकुछ ऐसे हो जाने पर माफ़ी मांगी. मैं एक बहुत बड़ा public failure था, एक बार तो मैंने valley* छोड़ कर जाने की भी सोची. पर धीरे-धीरे मुझे अहसास हुआ कि मैं जो काम करता हूं, उसके लिए मैं अभी भी passionate हूँ. Apple में जो कुछ हुआ उसकी वजह से मेरे passion में ज़रा भी कमी नहीं आई है….मुझे reject कर दिया गया है, पर मैं अभी भी अपने काम से प्यार करता हूँ. इसलिए मैंने एक बार फिर से शुरुआत करने की सोची. मैंने तब नहीं सोचा पर अब मुझे लगता है कि Apple से fire किये जाने से अच्छी चीज मेरे साथ हो ही नहीं सकती थी. Successful होने का बोझ अब beginner होने के हल्केपन में बदल चुका था, मैं एक बार फिर खुद को बहुत free महसूस कर रहा था…इस फ्रीडम की वज़ह से मैं अपनी life  की सबसे creative period में जा पाया.

अगले पांच सालों में मैंने एक company NeXT और एक दूसरी कंपनी Pixar start की और इसी दौरान मेरी मुलाक़ात एक बहुत ही amazing lady से हुई, जो आगे चलकर मेरी wife बनीं. Pixar ने दुनिया की पहली computer animated movie, “ Toy Story”  बनायीं, और इस वक्त यह दुनिया का सबसे सफल animation studio है. Apple ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए NeXT को खरीद लिया और मैं Apple में वापस चला गया. आज Apple, NeXT  द्वारा develop की गयी technology use करती है….अब Lorene और मेरा एक सुन्दर सा परिवार है. मैं बिलकुल surety के साथ कह सकता हूँ कि अगर मुझे Apple से नहीं निकाला गया होता तो मेरे साथ ये सब-कुछ नहीं होता. ये एक कड़वी दवा थी …पर शायद मरीज को इसकी ज़रूरत थी. कभी-कभी जिंदगी आपको इसी तरह ठोकर मारती है. अपना विश्वास मत खोइए. मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि मैं सिर्फ इसलिए आगे बढ़ता गया क्योंकि मैं अपने काम से प्यार करता था…I loved my work.

आप really क्या करना पसंद करते हैं यह आपको जानना होगा, जितना अपने love को find करना ज़रूरी है, उतना ही उस काम को ढूँढना ज़रूरी जिसे आप सच-मुच enjoy करते हों आपका काम आपकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा, और truly-satisfied होने का एक ही तरीका है कि आप वो करें जिसे आप सच-मुच एक बड़ा काम समझते हों...और बड़ा काम करने का एक ही तरीका है कि आप वो करें जो करना आप enjoy करते हों. यदि आपको अभी तक वो काम नहीं मिला है तो आप रूकिये मत; उसे खोजते रहिये. जैसा कि दिल से जुडी हर चीज में होता है, वो जब आपको मिलेगा तब आपको पता चल जायेगा…और जैसा की किसी अच्छी relationship में होता है वो समय के साथ-साथ और अच्छा होता जायेगा ….इसलिए खोजते रहिये…रूकिये मत.

मेरी तीसरी कहानी death के बारे में है. जब मैं 17  साल का था तो मैंने एक quote पढ़ा, जो कुछ इस तरह था, “ यदि आप हर रोज ऐसे जियें जैसे कि ये आपकी जिंदगी का आखीरी दिन है, तो आप किसी न किसी दिन सही साबित हो जायेंगे.” इसने मेरे दिमाग पे एक impression बना दी, और तबसे…पिछले 33  सालों से, मैंने  हर सुबह उठ कर शीशे में देखा है और खुद से एक सवाल किया है, “ अगर ये  मेरी जिंदगी का आखिरी दिन होता तो क्या मैं आज वो करता जो मैं करने वाला हूँ?” और जब भी लगातार कई दिनों तक जवाब “नहीं” होता है, मैं समझ जाता हूँ कि कुछ बदलने की ज़रूरत है. इस बात को याद रखना कि मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपनी life के बड़े decisions लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है, क्योंकि जब एक बार death  के बारे में सोचता हूँ तब सारी expectations, सारा pride, fail होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई ज़रूरी है. इस बात को याद करना कि एक दिन मरना है…किसी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है. आप पहले से ही नंगे हैं. ऐसा कोई reason नहीं है कि आप अपने दिल की ना सुनें.

करीब एक साल पहले पता चला कि मुझे cancer है . सुबह 7:30 बजे मेरा scan हुआ, जिसमे साफ़-साफ़ दिख रहा था कि मेरे pancreas में tumor है. मुझे तो पता भी नहीं था की pancreas क्या होता है. Doctor ने लगभग यकीन के साथ बताया कि मुझे एक ऐसा cancer है जिसका इलाज़ संभव नहीं है, और अब मैं बस 3 से 6 महीने का मेहमान हूँ. Doctor ने सलाह दी कि मैं घर जाऊं और अपनी सारी चीजें व्यवस्थित कर लूं, जिसका indirect मतलब होता है कि, “आप मरने की तैयारी कर लीजिए.” इसका मतलब कि आप कोशिश करिये कि आप अपने बच्चों से जो बातें अगले दस साल में करते, वो अगले कुछ ही महीनों में कर लीजिए. इसका ये मतलब होता है कि आप सब-कुछ सुव्यवस्थित कर लीजिए की आपके बाद आपकी family को कम से कम परेशानी हो. इसका ये मतलब होता है कि आप सबको गुड-बाय कर दीजिए.

मैंने इस diagnosis के साथ पूरा दिन बिता दिया फिर शाम को मेरी biopsy हुई जहाँ मेरे मेरे गले के रास्ते, पेट से होते हुए मेरी intestine में एक endoscope डाला गया और एक सुई से tumor से कुछ cells निकाले गए. मैं तो बेहोश था, पर मेरी wife, जो वहाँ मौजूद थी उसने बताया कि जब doctor ने microscope से मेरे cells देखे तो वह रो पड़ा…दरअसल cells देखकर doctor समझ गया कि मुझे एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का  pancreatic cancer है जो surgery से ठीक हो सकता है. मेरी surgery हुई और सौभाग्य से अब मैं ठीक हूँ.

मौत के इतना करीब मैं इससे पहले कभी नहीं पहुंचा, और उम्मीद करता हूँ कि अगले कुछ दशकों तक पहुँचूं भी नहीं. ये सब देखने के बाद मैं ओर भी विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि death एक useful but intellectual concept है. कोई मरना नहीं चाहता है, यहाँ तक कि जो लोग स्वर्ग जाना चाहते हैं वो भी…फिर भी मौत वो मंजिल है जिसे हम सब share  करते हैं. आज तक इससे कोई बचा नहीं है. और ऐसा ही होना चाहिए क्योंकि शायद मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है. ये जिंदगी को बदलती है, पुराने को हटा कर नए का रास्ता खोलती है. और इस समय नए आप हैं. पर ज्यादा नहीं; कुछ ही दिनों में आप भी पुराने हो जायेंगे और रस्ते से साफ़ हो जायेंगे. इतना dramatic होने के लिए माफ़ी चाहता हूँ पर ये सच है. आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये. बेकार की सोच में मत फंसिए, अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए. औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने intuition को डूबने मत दीजिए. वे पहले से ही जानते हैं कि तुम सच में क्या बनना चाहते हो. बाकि सब गौण है.

जब मैं छोटा था तब एक अद्भुत publication, “The Whole Earth Catalogue” हुआ करता था, जो मेरी generations की bibles में से एक था. इसे Stuart Brand नाम के एक व्यक्ति, जो यहाँ  MelonPark से ज्यादा दूर नहीं रहता था, ने इसे अपना poetic touch दे के बड़ा ही जीवंत बना दिया था. ये साठ के दशक की बात है, जब computer और desktop publishing नहीं हुआ करती थीं. पूरा catalogue ..typewriters, scissors और  Polaroid cameras की मदद से बनाया जाता था. वो कुछ-कुछ ऐसा था मानो Google को एक book के form में कर दिया गया हो….वो भी गूगल के आने के 35 साल पहले. वह एक आदर्श था, अच्छे tools और महान विचारों से भरा हुआ था.

Stuart और उनकी team ने “The Whole Earth Catalogue”के कई issues निकाले और अंत में एक final issue निकाला. ये सत्तर के दशक का मध्य था और तब मैं आपके जितना था. Final issue के back cover पे प्रातः काल का किसी गाँव की सड़क का द्दृश्य था…वो कुछ ऐसी सड़क थी जिसपे यदि आप adventurous हों तो किसी से lift माँगना चाहेंगे. और उस picture के नीचे लिखा था, “Stay Hungry, Stay Foolish”. ये उनका farewell message था जब उन्होंने sign-off  किया, “Stay Hungry, Stay Foolish” और मैंने अपने लिए हमेशा यही wish किया है, और अब जब आप लोग यहाँ से graduate हो रहे हैं तो मैं आपके लिए भी यही wish करता हूँ, stay hungry, stay foolish. Thank you all very much.”

सफलता का रहस्य / Secret of Success in Hindi

एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या  है?
Secret To Success





सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो. वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया.

लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.

सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”

लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना”

सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना  चाहते थे  तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.

दोस्तों, जब आप सिर्फ और सिर्फ एक चीज चाहते  हैं तो more often than not…वो चीज आपको मिल जाती है. जैसे छोटे बच्चों को देख लीजिये वे न past में जीते हैं न future में, वे हमेशा present में जीते हैं…और जब उन्हें खेलने के लिए कोई खिलौना चाहिए होता है या खाने के लिए कोई टॉफ़ी चाहिए होती है…तो उनका पूरा ध्यान, उनकी पूरी शक्ति बस उसी एक चीज को पाने में लग जाती है and as a result वे उस चीज को पा लेते हैं.

इसलिए सफलता पाने के लिए FOCUS बहुत ज़रूरी है, सफलता को पाने की जो चाहता है उसमे intensity होना बहुत ज़रूरी है..और जब आप वो फोकस और वो इंटेंसिटी पा लेते हैं तो सफलता आपको मिल ही जाती है.

फोकस के महत्त्व को समझने के लिए इस पोस्ट को ज़रूर पढ़ें: सफलता के लिए ज़रूरी है Focus

अजवाइन के फायदे - Benefits of Ajwain (Carom Seeds)


 


 

  - अजवाइन एक ऐसा औसधि है जो लगभग हर Indian house के kitchen में पाया जाता है | लेकिन इसमें मौजूद कैल्शियम, पोटैशियम, फास्फोरस, आयोडीन, केरोटिन जैसे तत्व हमें कई हेल्थ बेनिफिट्स देते हैं। अगर रेग्युलर सुबह आधा चम्मच अजवाइन को उबालकर पिएं तो कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स को कम किया जा सकता है |


1) अजवाइन पाचन क्रिया को ठीक रखता है | अजवाइन को नियमत रूप से सेवन करने से पाचन क्रिया  के समस्यों से जल्द रहत मिलती है  है, इसके अलावे अजवाइन हमारे पेट को स्वस्थ भी रखने में मदद करता है |

2)  पेट दर्द या (stomach mein acidity) होने पर अजवाइन काफी मदद करता है | आप चाहे तो केवल अजवाइन को ले कर दाँतों से 5 minute तक चबाएं और अंत में उसे हलके गरम पानी से पी जाएं | इसके अलवा आप अजवाइन,अदरक और नमक को चूरन बना कर हलके गुण गुणे पानी में 4 से 5 बार लेने सेपेट दर्द, gas जैसी बीमारियों से रहत मिलता है |

3)  अदरक के रस में थोडा अजवाइन का चूरन मिला कर लेने से खासी से काफी राहत मिलता है |

4) कोई व्यक्ति अगर अधिक शराब पे ली हो और उसे लगातार उल्टियाँ  हो रही हो तो उसे थोडा अजवाइन  खिलने से उसके उलटी रुक जैगी |

5)  दाद खुजली या जले हुए जगहों में अजवाइन को पिस कर उसका paste लगाने से काफी आराम मिलता है |

6) अजवाइन को भुन कर इसे पीस कर brush या उंगली से मसुडो में मालिश करने से मसुडो के बीमारियों से जल्द रहत मिलता है |

7) अजवाइन , सेंध नमक हिंग और सूखे आवंला को पिस कर बराबर मात्र में शहद के साथ सुबह शाम चाटने से खट्टी डाकार आना बंद हो जैगा |

8) अजवाइन  हिचकी, जी मचलाना, डकार, बदहजमी आदि में गुणकारी।

9) अजवाइन  पेट खराब होने पर इसे एक कम गरम पानी के साथ पियें।

10) ठंड लगने पर थोड़ी सी अजावाइन को अच्छी तरह से चबाएं।

11) मुंह की दुर्गध के लिए अजवाइन को पानी में उबालकर‍ लें।

Top 15 Benefits of Lemon Air loss,Skin glow,Weight Loss Challeng - नींबू से १५ घरेलु उपाय





- अगर बॉडी में विटामिन सी की मात्रा कम हो जाए, तो एनिमिया, जोड़ों का दर्द, दांतों की बीमारी, पायरिया, खांसी और दमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। नीबू में विटामिन सी की क्वॉन्टिटी बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इन बीमारियों से दूरी बनाने में यह आपकी मदद करता है।

- विशेषज्ञों का कहना है कि नींबू का रस विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, फ़ास्फ़ोरस, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट से समृद्ध होता है।

उपाय 1:- हर भोजन के बाद गरम पानी में नींबू और शहद मिलकर पिने से एक महीने
के अंदर कम से कम ५ किलो वजन कम होता है |

उपाय 2:- नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है।

उपाय 3:- नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से
 दमा में आराम मिलता है।

उपाय 4:- नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।

उपाय 5:- नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके
चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है।

उपाय 6:- सुबह नहाने के पानी में थोड़ा नींबू के रस में नमक मिलाकर
नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है।

उपाय 7:- नींबू के बीज को पीसकर सरपर लगाने
 से गंजापन दूर होता है।

उपाय 8:- आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोड़कर पिएं,
रक्त की कमी दूर होगी।

उपाय 9:- बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर कान डालें। इससे आपका बहेरापण दूर हो सकता है |

उपाय 10:- दो चम्मच बादाम के तेल में नींबू की दो बूंद मिलाएं और रूई की सहायता से दिन में कई बार घाव पर लगाएं, घाव बहुत जल्द ठीक हो जाएगा।


उपाय 11:- हर भोजन के बाद एक गिलास गर्म पानी में नींबू डाल कर पीने से पांचन क्रिया ठीक रहती है।

उपाय 12:- नींबू का रस पानी में मिलाकर ग़रारा करने से गले की खराश दूर होती है  ।

उपाय 13:- बुखार से तुरंत आराम के लिए नीम्बू का रस पियें. तुरंत शरीर का ताप कम हो जायेगा.

उपाय 14:- एक चम्मच बेसन, आधा चम्मच गेहूं का आटा, आधा चम्मच गुलाब जल और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर लोशन तैयार करें। इसे धीरे-धीरे चेहरे पर मलें। कुछ ही दिनों में आपका चेहरा निखर जाएगा।

उपाय 15:- प्रतिदिन नाश्ते से पहले एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच ज़ैतून का तेल पीने से पत्थरी से छुटकारा मिलता है।

विज्ञान में 12वी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद क्या करे ? - Courses after Passing 12th Science


मित्रो आजकल की शिक्षा व्यवस्था बड़ी कठिन हो गयी है और हर क्षेत्र में आपको प्रतिस्पर्धा में लगा रहना पड़ेगा इसलिए आपको उसी तैयारी को मद्देनजर रखते हुए 12वी कक्षा के बाद अपने करियर का चयन करना चाहिए | आजकल प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ गयी है लोगो अच्छे मार्गदर्शन के लिए भटकते रहते है | बड़े बड़े शहरों में कई कंसल्टेंसी कंपनिया शुरू हो गयी है जो आपको करियर का चुनाव करने की फीस लेते है | मित्रो अगर आप स्वयं का मूल्याकंन करे और सही फैसला ले तो आपको करियर के चुनाव में कोई परेशानी नही होगी |

अब जब आपने विज्ञान में 12वी कक्षा उत्तीर्ण कर ली है तो अब क्या करे | वैसे तो 12 वी कक्षा के नतीजो के आधार पर स्वयं का मुल्यांकन करना चाहिए | मैं 12वी कक्षा में उतना होशियार नही था फिर भी डॉक्टर बनने की चाह रखता था जिसके कारण मुझे एक साल का बलिदान देना पड़ा था | मै ये नही कहता हु जीवन में कुछ भी सम्भव नही है लेकिन मुल्यांकन करने से आप सही दिशा में जा सकते है | विज्ञान में 12वी कक्षा दो संकायों में हो सकती है | PCM और PCB

PCM मतलब विज्ञान-गणित संकाय होता है जिसमे 80 प्रतिशत से भी ज्यादा छात्र B.E./ B.Tech करते है क्योंकि वो ही सबसे सरल और उपयोगी कोर्स माना जाता है | आज से 15 साल पहले B.Tech करना बड़ा कठिन कार्य हुआ करता था क्योंकि मेरे बड़े भाई ने इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने के लिए एक साल कोटा में कोचिंग की थी | उस समय PET एग्जाम हुआ करता था जिसके जरिये आपको इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिलता था और आज बिना किसी एग्जाम के धडाधड इंजिनियर बनकर निकल रहे है | आज इंजीनियरिंग कॉलेज इतने खुल गये है कि वो आपको घर से आकर अपने कॉलेज में एडमिशन दिलाएंगे |

उस दौर ने मेरे भाई ने बड़ी मेहनत की थी और उन्हें सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिला था जिनकी गुणवता प्राइवेट कॉलेज से बेहतर होती है | मेरे भाई ने IT में इंजीनियरिंग की और आज गुडगाव की एक बड़ी सॉफ्टवेर कंपनी में उच्च पद पर कार्यरत है | आजकल इंजीनियरिंग को बेरोजगारों को संकाय कहा जाता है क्योंकि हर साल लाखो इंजिनियर निकलते है और केवल कुछ लोगो को ही मनचाही जॉब मिल पाती है | इसलिए मेरा मानना है कि टेक्निकल कोर्स  के साथ साथ अपने ज्ञान का भी विकास करे और उसमे प्रैक्टिकल काम करने की कोशिश करे | Architecture में रूचि रखने वाले छात्रों के  लिए B.Arch. का कौर्स होता है |इसके अलावा कई छात्र इंजिनियईंग में लाखो पैसे खर्च करने के बजाय B.sc , BCA भी करते है | इनके अलावा वाले विकल्पों को किसी भी संकाय के छात्र कर सकते है जिन्हें मै बताना मुनासिब नही समझता हु |

इस तरह 12 वी विज्ञान-गणित के बारे में मैंने आपको बताया और अब मै आपको PCB में स्कोप के बारे में बताऊंगा | PCB में स्कोप की कोई कमी नही है लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि PCB में मेहनत ज्यादा है लेकिन उसके मुकाबले आपको फल नही मिलता है | PCB के बाद आप PMT / AIMPMT की परीक्षा उत्तीर्ण कर डॉक्टरी में प्रवेश ले सकते है | PCB लाइन में सबसे ज्यादा पैसा डॉक्टरी लाइन में है लेकिन डॉक्टर बनने में आदमी अपनी आधी उम्र बिता देता है | कई छात्रों को PMT जैसी परीक्षाओ में पास होने में 3-4 साल लग जाते है और उसके बाद 5 साल MBBS करने में लगते है और इस तरह 30 साल से पहले कोई  डॉक्टर नही बन पाता है | इसके बाद डॉक्टर MD किये बिना आगे नही बढ़ सकते है |

MBBS के अलावा BDS भी अच्छा कोर्स है जिसमे आप डेंटिस्ट बन सकते है | इसके अलावा Bachelor of Veterinary Science & Animal Husbandry (B.VSc AH) कोर्स में पशुओं का डॉक्टर भी बन सकते है |  BAMS कर आप आयुर्वेदिक  डॉक्टर , BHMS कर आप होम्योपैथी डॉक्टर और BUMS कर यूनानी डॉक्टर बन सकते है | इसके अलावा एक Bachelor of Physiotherapy कौर्स भी होता है जिससे आप फिजियोथेरेपिस्ट भी बन सकते है | उपर बताये सभी कोर्स में आपको प्रवेश परीक्षाओ में उत्तीर्ण करना पड़ता है जिसमे बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है |

PCB में इसके बाद बिना प्रवेश परीक्षाओ के B.Sc. Nursing या GNM कर सकते है जिससे आपको किसी भी अस्तपाल में आसानी से नर्स या मेल नर्स की नौकरी मिल सकती है | PCB में सबसे ज्यादा इन्ही कौर्स को किया जाता है लेकिन इनमे शुरुवात में पैसे कम मिलते है लेकिन अनुभव होने पर आपकी इनकम बढ़ सकती है | इसके अलावा B.Pharma और D.Pharma नाम के दो कोर्स होते है जिनमे PCB के बाद प्रवेश परीक्षाओं से पप्रवेश मिलता है | B.Pharma से आप किसी हॉस्पिटल या संस्थान में मेडिकल मेनेजर या MR के रुप में काम कर सकते है जबकि D.Pharma से आपको मेडिकल शॉप का लाइसेंस मिल जता है और मेडिकल की दूकान खोल सकते है |

पिछली कुछ वर्षो में PCB के बाद छात्र B.Sc. Dairy Technology, Biotechnology, BMLT (Medical Lab Technology) और Paramedical Courses कर रहे है जिससे उन्हें किसी भी अस्पताल में अपनी योग्यता के अनुसार जॉब मिल सकती है | मेडिकल लाइन में कई विभाग है और आप जिस लाइन में अपनी स्पेशलिस्टता बढ़ा सकते है उसमे आपका करियर संवर सकता है | अब इन सब कोर्सेज के बाद भी PCB में छात्रों को कोई विकल्प ना दिखे तो आप वही कोर्स भी कर सकते है जो सभी संकाय वाले लोग कर सकते है | इनमे से आप  Travel & Tourism Courses , Environmental Science, Fashion Technology, Hotel Management , Designing Courses ,Media/ Journalism Courses और  Film/ Television Courses कर सकते है |

तो मित्रो इस तरह विज्ञान के PCM और PCB में आपको करियर की राहे मैंने आपको बता दी और अब आपको सही चुनाव करना है जिससे आपको भविष्य उज्ज्वल हो सके | समझदारी से अपने कोर्स का चुनाव करे क्योंकि यही से आपके करियर के राह का चुनाव होता है | आपके करियर के लिए मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाये |

Rani Padmini Story in Hindi



Rani Padmini  रानी पदमिनी के पिता का नाम गंधर्वसेन और माता का नाम चंपावती था | Rani Padmini  रानी पद्मिनी के पिता गंधर्वसेन सिंहल प्रान्त के राजा थे |बचपन में पदमिनी के पास “हीरामणी ” नाम का बोलता तोता हुआ करता था जिससे साथ उसमे अपना अधिकतर समय बिताया था | रानी पदमिनी बचपन से ही बहुत सुंदर थी और बड़ी होने पर उसके पिता ने उसका स्वयंवर आयोजित किया | इस स्वयंवर में उसने सभी हिन्दू राजाओ और राजपूतो को बुलाया | एक छोटे प्रदेश का राजा मलखान सिंह भी उस स्वयंवर में आया था | राजा रावल रतन सिंह भी पहले से ही अपनी एक पत्नी नागमती होने के बावजूद स्वयंवर में गया था | प्राचीन समय में राजा एक से अधिक विवाह करते थे ताकि वंश को अधिक उत्तराधिकारी मिले | राजा रावल रतन सिंह ने मलखान सिंह को स्वयंमर में हराकर पदमिनी से विवाह कर लिया | विवाह के बाद वो अपनी दुसरी पत्नी पदमिनी के साथ वापस चित्तोड़ लौट आया |





12वी और 13वी सदी में दिल्ली के सिंहासन पर दिल्ली सल्तनत का राज था | सुल्तान ने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए कई बार मेवाड़ पर आक्रमण किया | इन आक्रमणों में से एक आक्रमण अलाउदीन खिलजी ने सुंदर रानी पदमिनी को पाने के लिए किया था | ये कहानी अलाउदीन के इतिहासकारो ने किताबो में लिखी थी ताकि वो राजपूत प्रदेशो पर आक्रमण को सिद्ध कर सके |कुछ इतिहासकार इस कहानी को गलत बताते है क्योंकि ये कहानी मुस्लिम सूत्रों ने राजपूत शौर्य को उत्तेजित करने के लिए लिखी गयी थी | आइये इसकी पुरी कहानी आपको बताते है |



उस समय चित्तोड़ पर राजपूत राजा रावल रतन सिंह का राज था | एक अच्छे शाषक और पति होने के अलावा रतन सिंह कला के संरक्षक भी थे |उनके ददरबार में कई प्रतिभाशाली लोग थे जिनमे से राघव चेतन संगीतकार भी एक था | राघव चेतन के बारे में लोगो को ये पता नही था कि वो एक जादूगर भी है | वो अपनी इस बुरी प्रतिभा का उपयोग दुश्मन को मार गिराने में उपयोग करता था | एक दिन राघव चेतनका बुरी आत्माओ को बुलाने का कृत्य रंगे हाथो पकड़ा जाता है |

इस बात का पता चलते ही रावल रतन सिंह ने उग्र होकर उसका मुह काला करवाकर और गधे पर बिठाकर अपने राज्य से निर्वासित कर दिया| रतन सिंह की इस कठोर सजा के कारण राघव चेतन उसका दुश्मन बन गया | अपने अपमान से नाराज होकर राघव चेतन दिल्ली चला गया जहा पर वो दिल्ली के सुल्तान अलाउदीन खिलजी को चित्तोड़ पर आक्रमण करने के लिए उकसाने का लक्ष्य लेकर गया |दिल्ली पहुचने पर राघव चेतन दिल्ली के पास एक जंगल में रुक गया जहा पर सुल्तान अक्सर शिकार के लिया आया करते थे |एक दिन जब उसको पता चला कि की सुल्तान का शिकार दल जंगल में प्रवेश कर रहा है तो राघव चेतन ने अपनी बांसुरी से मधुर स्वर निकालना शुरु कर दिया |




जब राघव चेतन की बांसुरी के मधुर स्वर सुल्तान के शिकार दल तक पहुची तो सभी इस विचार में पड़ गये कि इस घने जंगल में इतनी मधुर बांसुरी कौन बजा सकता है | सुल्तान ने अपने सैनिको को बांसुरी वादक को ढूंड कर लाने को कहा | जब राघव चेतन को उसके सैनिको ने अलाउदीन खिलजी के समक्ष प्रस्तुत किया तो सुल्तान ने उसकी प्रशंशा करते हुए उसे अपने दरबार में आने को कहा | चालाक राघव चेतन ने उसी समय राजा से पूछा कि “आप मुझे जैसे साधारण संगीतकार को क्यों बुलाना चाहते है जबकि आपके पास कई सुंदर वस्तुए है ” | राघव चेतन की बात ना समझते हुए खिलजी ने साफ़ साफ़ बात बताने को कहा | राघव चेतन ने सुल्तान को Rani Padmini  रानी पदमिनी की सुन्दरता का बखान किया जिसे सुनकर खिलजी की वासना जाग उठी |अपनी राजधानी पहुचने के तुरंत बात उसने अपनी सेना को चित्तोड़ पर आक्रमण करने को कहा क्योंकि उसका सपना उस सुन्दरी को अपने हरम में रखना था |

बैचैनी से चित्तोड़ पहुचने के बाद अलाउदीन को चित्तोड़ का किला भारी रक्षण में दिखा | उस प्रसिद्द सुन्दरी की एक झलक पाने के लिए सुल्तान बेताब हो गया और उसने राजा रतन सिंह को ये कहकर भेजा कि वो Rani Padmini  रानी पदमिनी को अपनी बहन समान मानता है और उससे मिलना चाहता है | सुल्तान की बात सुनते ही रतन सिंह ने उसके रोष से बचने और अपना राज्य बचाने के लिए उसकी बात से सहमत हो गया | रानी पदमिनी अलाउदीन को कांच में अपना चेहरा दिखाने के लिए राजी हो गयी | जब अलाउदीन को ये खबर पता चली कि रानी पदमिनी उससे मिलने को तैयार हो गयी है वो अपने चुनिन्दा योद्धाओ के साथ सावधानी से किले में प्रवेश कर गया |

Rani Padmini  रानी पदमिनी के सुंदर चेहरे को कांच के प्रतिबिम्ब में जब अलाउदीन खिलजी ने देखा तो उसने सोच लिया कि रानी पदमिनी को अपनी बनाकर रहेगा |वापस अपने शिविर में लौटते वक़्त अलाउदीन कुछ समय के लिए रतन सिंह के साथ चल रहा था | खिलजी ने मौका देखकर रतन सिंह को बंदी बना लिया और पदमिनी की मांग करने लगा | चौहान राजपूत सेनापति गोरा और बादल ने सुल्तान को हराने के लिए एक चाल चलते हुए खिलजी को संदेसा भेजा कि अगली सुबह पदमिनी को सुल्तान को सौप दिया जाएगा |

अगले दिन सुबह भोर होते ही 150 पालकिया किले से खिलजी के शिविर की तरफ रवाना की | पालकिया वहा रुक गयी जहा पर रतन सिंह को बंदी बना रखा था |पालकियो को देखकर रतन सिंह ने सोचा, कि ये पालकिया किले से आयी है और उनके साथ रानी भी यहाँ आयी होगी ,वो अपने आप को बहुत अपमानित समझने लगा |उन पालकियो में ना ही उनकी रानी और ना ही दासिया थी और अचानक से उसमे से पूरी तरह से सशस्त्र सैनिक निकले और रतन सिंह को छुड़ा दिया और खिलजी के अस्तबल से घोड़े चुराकर तेजी से घोड़ो पर पर किले की ओर भाग गये | गोरा इस मुठभेड़ में बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये जबकि बादल , रतन सिंह को सुरक्षित किले में पहुचा दिया |

जब सुल्तान को पता चला कि उसके योजना नाकाम हो गयी , सुल्तान ने गुस्से में आकर अपनी सेना को चित्तोड़ पर आक्रमण करने का आदेश दिया | सुल्तान के सेना ने किले में प्रवेश करने की कड़ी कोशिश की लेकिन नाकाम रहा |अब खिलजी ने किले की घेराबंदी करने का निश्चय किया | ये घेराबंदी इतनी कड़ी थी कि किले में खाद्य आपूर्ति धीरे धीरे समाप्त हो गयी | अंत में रतन सिंह ने द्वार खोलने का आदेश दिया और उसके सैनिको से लड़ते हुए रतन सिंह वीरगति को प्राप्त हो गया | ये सुचना सुनकर Rani Padmini  पद्मिनी ने सोचा कि अब सुल्तान की सेना चित्तोड़ के सभी पुरुषो को मार देगी | अब चित्तोड़ की औरतो के पास दो विकल्प थे या तो वो जौहर के लिए प्रतिबद्ध हो या विजयी सेना के समक्ष अपना निरादर सहे |

सभी महिलाओ का पक्ष जौहर की तरह था | एक विशाल चिता जलाई गयी और रानी पदमिनी के बाद चित्तोड़ की सारी औरते उसमे कूद गयी और इस प्रकार दुश्मन बाहर खड़े देखते रह गये | अपनी महिलाओ की मौत पर चित्तोड़ के पुरुष के पास जीवन में कुछ नही बचा था | चित्तोड़ के सभी पुरुषो ने साका प्रदर्शन करने का प्रण लिया जिसमे प्रत्येक सैनिक केसरी वस्त्र और पगड़ी पहनकर दुश्मन सेना से तब तक लड़े जब तक कि वो सभी खत्म नही हो गये | विजयी सेना ने जब किले में प्रवेश किया तो उनको राख और जली हुई हड्डियों के साथ सामना हुआ |जिन महिलाओ ने जौहर किया उनकी याद आज भी लोकगीतों में जीवित है जिसमे उनके गौरवान्वित कार्य का बखान किया जाता है |

कैसे बनाई Mark Zuckerberg ने Facebook ?


Social Networking site, Facebook के CO-founder और CEO Mark Zuckerberg आज दुनिया के सबसे बड़े youngest billionaires में से एक है।



शुरुआत

Mark zuckerberg ने social networking facebook को अपने कॉलेज हॉस्टल के कमरे में ही बनाई थी। जैसे ही facebook पर 250 Millions से ज्यादा users बढ़ने शुरू हुए तबसे Mark zuckerberg billionaire बन गये। और इसके साथ ही एक फिल्म “The Social Network” के नाम से Facebook की biography पर बन गई। और आज facebook दुनिया की सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली social networking साईट है।

Early Life Of Mark Zuckerberg



Mark Zuckerberg का जन्म white plains, New York में 14 मई 1984 को हुआ था। मार्क के पिता Edward Zuckerberg, एक दंत चिकित्सक है और मां, Karen Zuckerberg, एक मनोचिकित्सक है।

प्राथमिक स्कूल में ही Mark का programming में बहुत रूचि रही है। जब Mark लगभग 12 वर्ष एक थे तब उन्होंने Atari BASIC का उपयोग करके messaging program बनाया था जिसका Mark ने “Zucknet” नाम दिया था। Mark ने पिता इस program को अपने दाँतो का कार्यालय में उपयोग करते थे ताकि दन्त रोगी का स्वागत करने वाला (जो दन्त चिकित्सक के कार्यालय के बहार खड़ा होने वाला व्यति) कमरे में आकर चिल्लाए बिना एक नया रोगी की सुचना दे सके।

Mark ने जो Zucknet program बनाया था उसे Mark का पूरा परिवार घर के भीतर बातचीत करने के लिए इस्तेमाल किया था।

फिर उसके बाद Mark ने उनके दोस्त के साथ मिलकर मनोरंजन के लिए कंप्यूटर गेम भी बनया था।
Mark की कंप्यूटर में बढती रूचि को बनाये रखने के लिए, Mark के माता-पिता ने पर्सनल कंप्यूटर के शिक्षक “David Newma” को हर सप्ते में एक बार घर आकर और Mark के साथ काम करने के लिए काम पर रखा।

इतना ही नहीं Mark ने अपने उच्च माध्यमिक स्कूल में एक बुद्धिमान मीडिया MP3 प्लेयर भी बनाया जिससे एक MP3 प्लेयर की लिस्ट बन जाती थी इस लिस्ट में अपने आप यूजर के एक्टिविटी से MP3 लिस्ट वही बनती जो users अबी सुनना चाहता है।

FaceMash – A Fun Site for voting



2003 में Mark zuckerberg को गर्मी की शाम FaceMash बनाने का विचार आया। Mark ने हार्वर्ड के डेटाबेस को हैक करने का निर्णय लिया जहां कॉलेज स्टूडेंट अपनी प्रोफाइल फोटो अपलोड भी करते थे। Mark ने जल्द ही एक एसा प्रोग्राम बनाया जो ऑटो 2 फीमेल के इमेज show करता है और उन पर वोटिंग चलाता है कि कौन इन दोनों में से ज्यादा beautiful है. वोटिंग website पर आने वाले लोगो के द्वारा की जाती है यानी website पर आने वाले लोग वोटर्स होते थे.
इस वेबसाइट पर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा लोग/ट्रैफिक आ गये थे। साईट पर ज्यादातर ट्रैफिक हार्वर्ड कॉलेज के छात्र थे। जायदा ट्रैफिक की संख्या बढ़ने पर सर्वर भी क्रेश हो गया था।
इस हादसे के बाद Mark पर हैकिंग करने का इल्जाम लगा ता क्योंकि Mark ने फोटो को डेटाबेस हैक करके ही ली थी और Mark ने जो साईट बनाई थी जहा लडकियों की वोटिंग होई थी यह भी गलत था। तो इसके लिए Mark को कमेटी में बुलाया गया और सब Mark को कोई न कोई सुना ही रहा था, कि यह किया तो गलत है, वो किया तो इस पर आपका इसका इल्जाम लगता है लेकिन कोई भी यह कह नहीं रहा था की Mark ने इतनी मुस्किल काम को इतने कम समय में आसानी से कर दिया है तो Mark की इस बुद्धिमता को उपयोग में लिया जाए।

The Rise of Facebook



और फिर अब आता है Mark का सबसे ही बड़ा प्रोजेक्ट, फेसबुक। जिसको पूरी दुनिया उपयोग करती है। Mark ने अपने बाकि प्रग्राम की तरह फेसबुक को भी बहुत कम समय में बना लिया था।

सबसे पहले Mark के पास सोशल नेटवर्क साईट बनाने का आईडिया लेकर दिव्य नरेन्द्र आया था। दिव्य नरेन्द्र ट्विन्स टाइलर और कैमरों विन्क्लेवोस का पार्टर था।

 

दिव्य नरेन्द्र ने Mark को सोशल साईट बनाने का कहा था जिसका नाम “Harvard Connection” होगा। नरेंद्र और जुड़वाँ विंकलेवोस के साथ एक प्राइवेट मीटिंग के बाद Mark ने इस काम को करने के लिए स्वीकार कर दिया था।

फिर उसी हार्वर्ड कनेक्शन पर काम करने के दौरान ही Mark को खुदकी एक सोशल साईट बनाने का एक बेहतरीन विचार आया।

और अपने इस बहतरीन आईडिया को आगे बढाने को लेकर ही फ़रवरी 2004 में Mark ने thefacebook.com वेबसाइट का डोमेन नाम रेगेस्टर कर लिया था जिसको आज facebook.com के नाम से जाना जाता है।

Mark ने यह काम अपने मित्र Eduardo Saverin के साथ किया था। सुरु में फेसबुक के प्रोजेक्ट पर Eduardo ने ही इन्वेस्ट किया था।

जब फेसबुक पर 4000 ट्रैफिक हो गए तब Mark और उसके पार्टनर eduardo ने कुछ और नए programmers को काम पर लगाया जो website पर अच्छे तरीके से काम करे।

और अब तक mark के 503.6 million shares थे। और अब Zuckerberg कंपनी के वोट का लगभग 60% नियंत्रित करता है, 35% – eduardo Saverin, और 5% बाकि के नए पार्टनर।

2005 से Facebook को पुरे USA के सभी संस्थानों और विश्वविद्यालयो में उपयोग करने योग्य बन गई। Mark एक ही बात को मानते थे वो बस उनकी वेबसाइट Students के लिए है।

Facebook पर बहुत तेज़ी से ट्रैफिक बढ़ने लगे और जैसे ही 50 मिलियंस ट्रैफिक हुए फिर एक बड़ी कंपनी Yahoo! ने Mark से Facebook को खरीदने का ऑफर किया। सबसे पहला ऑफर Yahoo! ने 900 मिलियंस डॉलर फेसबुक के लिए ऑफर किया था। हलाकि यह बहुत बड़ी रकम है लेकिन Mark ने इस ऑफर को पूरा नहीं किया।

इसके साथ ही Facebook बहुत ही आगे बढ़ने लगी और धेरे-धीरे यह पुरे दुनिया के कोने कोने में उपयोग होने लगी। और आज फेसबुक पूरी दुनिया की सबसे बड़ी सोशल साईट है, जिस पर हर इन्टरनेट यूजर अकाउंट बनता/बनती ही है।

और साथ ही आज Mark Zuckerberg पुरे दुनिया के सबसे बड़े Yongest Billionairs मे से एक है।



                                                   Mark Zuckerberg With His Wife

और फिर Mark ने 19 मई 2012 को अपनी लम्बे समय की प्रेमीका Priscilla Chan, California की रहने वाली से शादी की और आज वो दोनों आपस में बहुत खुश है।

मुझे उम्मीद है आपको यह Mark Zuckerberg की success story in Hindi आपको बहुत पसंद आई होगी।

तो अभी share कीजिये इस Mark Zuckerberg की success story को अपने मित्रो के साथ और पढने रहिये हमारे ब्लॉग इसी तरह की और भी पोस्ट।