Mudras - Videos


                                        

1) Gyan Mudra -ज्ञानमुद्रा के फायदे 

Benefits: Effective in cases of mental ailment, imparts happiness, the intellect develops, memory is sharpened.
Method:  Join the tips of the index finger and thumb and keep the other 3 fingers stretched and joined.


मन की एकाग्रता बढ़जाती है ,नकारात्मक विचार पूर्णता  नष्ट हो जाते है और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है |

  • एकाग्रता बढती हैं।
  • शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढती हैं।
  • ज्ञान मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से सारे मानसिक विकार जैसे क्रोध, भय, शोक, इर्ष्या इत्यादि से छुटकारा मिलता हैं।
  • ध्यान / Meditation करने के लिए उपयुक्त मुद्रा हैं।
  • आत्मज्ञान की प्राप्ति होती हैं।
  • मन को शांति प्राप्त होती हैं।
  • अनिद्रा, सिरदर्द और माइग्रेन से पीड़ित लोगो के लिए उपयोगी मुद्रा हैं।





  • 2) Vayu Mudra :-वायु मुद्रा करने के क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य लाभ 

    Benefits : Helps in diseases like arthritis, trembling in Parkinson's disease. Better results obtained if practices after Prana mudra.

    Method :  Press the index finger on the base of thumb and keep the thumb on the index finger. Let the other fingers be straight.

    आइये जानते हैं वायु मुद्रा करने के क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य लाभ होते हैं-
    1. वायु मुद्रा का इस्तेमाल करने से ध्यान में मन की चंचलता कम होती है। प्राण वायु सुषुम्ना नाड़ी में बहने लगती है।
    2. इस मुद्रा को करने से गठिया, साइटिका, गैस का दर्द और लकवा आदि रोग दूर होते हैं।   
    3. वायु मुद्रा के रोजाना इस्तेमाल से शरीर में गैस के कारण होने वाला दर्द समाप्त हो जाता है।
    4. इस मुद्रा को करने से घुटनों और जोड़ों में होने वाला दर्द समाप्त हो जाता है। कमर, रीढ़ और शरीर के दूसरे भागों में होने वाला दर्द भी धीरे-धीरे दूर हो जाता है।
    5. वायु मुद्रा से गर्दन में होने वाला दर्द कुछ ही समय में चला जाता है।
    6. वायु मुद्रा के और अच्छे परिणाम पाने के लिए इसको करने के बाद प्राणायाम करें।
    7. इसे करने से पलकों का फड़कना कम हो जाता है।
    8. इसे रोज़ करने से हिचकी कम हो जाती है।
    9. अगर आपकी त्वचा में रुखापन और खुजली होती है तो यह उसे भी कम करता है।
    10. यह मुद्रा आपके बालों और नाखूनों के लिए भी बहुत लाभकारी है।


    3) Prithvi Mudra Benefits and Steps – पृथ्वी मुद्रा के लाभ


    Yoga Mudras are a set of hand gestures that help to focus and balance the five elements that exist within the human body. The Prithvi Mudra is so called because it helps to equalize the element of Prithvi or earth within the body.

    This Mudra is also said to activate the Root Chakra.
    Steps:
    1.The Prithvi Mudra can be performed while sitting down in the Padma Asana or Sukha Asana or while standing up straight in the Tada Asana .
    2.Touch the tip off the ring finger of each hand to the tip of the thumb. The rest of the fingers should be pointing straight.
    3.Hold this position for some time.
    Benefits:
    •The benefits of Prithvi Mudra are many and the pose can be practiced by almost everybody.
    •It helps to balance the different elements inside of the body.
    •The Prithvi Mudra also helps to strengthen the body and alleviates fatigue.
    •It also helps to open the mind and frees it from irrational prejudices and beliefs.
    •Practicing this Mudra also helps to foster self-confidence and belief in the self.
    •One of the prime benefits of the Prithvi Mudra is that it helps those who are seeking spirituality.

    पृथ्वी मुद्रा करने की विधि
    •पृथ्वी मुद्रा  के लिए सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं|
    •अब दोनों हाथ घुटनों पर रख लें|
    •अब तर्जनी ऊँगली (छोटी ऊँगली) को मोड़कर अंगूठे के अग्रभाग से स्पर्श कर दबाएं|
    •तर्जनी आपकी छोटी ऊँगली को कहा जाता है|
    •अब बच गई तीनों उंगलियों को ऊपर की ओर सीधा तान कर रखें|
    •कुछ समय इसी अवस्था में रहें|
    •इस तरह बनने वाली मुद्रा को पृथ्वी मुद्रा कहते है|
    •इस प्रक्रिया को दोनों हाथों से करे|


    पृथ्वी मुद्रा आसन करने का समय व अवधि:-
    •प्रतिदिन 30 से 45 मिनट तक पृथ्वी मुद्रा आसन का अभ्यास कर सकते है
    •पहले प्रतिदिन 10-15 इस मुद्रा को करें, कुछ दिन पश्चात् समयावधि बढ़ा दें
    •यह आसन आप किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते है, मगर सुबह-सुबह इस आसन को करने से शरीर में एक नयी ताजगी महसूस करेंगे|
    पृथ्वी मुद्रा करते समय रखे सावधानियाँ:
    •पृथ्वी मुद्रा करते समय  रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें|
    •जिन व्यक्तियों को कफ की समस्या है वो इस आसन को किसी योग सलाहकार की मदद से करें|
    यहाँ आपने जाना कि पृथ्वी मुद्रा को करने के कितने लाभ है| यह वह मुद्रा है जिसके जरिये मनुष्य अपने जीवन को एक नयी दिशा में ले जाकर अपने शरीर को किस तरह स्वस्थ्य और स्फूर्ति प्रदान कर सकता है| नियमित इस मुद्रा को करने से आपको वो शक्ति मिलती है जिसके द्वारा आप अपने दैनिक कृत्य को आसानी से कर भी सकते है और अपनी ऊर्जा का सही इस्तमाल भी होता है| आपका दिन खुशनुमा बन जाता है|







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