Kapalbhati Pranayama and Benefits - कैसे करे कपालभाती प्राणायाम और इसके लाभ | Health With Yoga

 

सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। और साँस को बाहर फेंकते समय पेट को अन्दर की तरफ धक्का देना है, इस में सिर्फ् साँस को छोडते रहना है। दो साँसो के बीच अपने आप साँस अन्दर चली जायेगी जान-बूझ कर साँस को अन्दर नहीं लेना है। कपाल कहते है मस्तिष्क के अग्र भाग को, भाती कहते है ज्योति को, कान्ति को, तेज को; कपालभाति प्राणायाम करने लगातार करने से चहरे का लावण्य बढाता है। कपालभाति प्राणायाम धरती की सन्जीवनि कहलाता है। कपालभाती प्राणायाम करते समय मुलाधार चक्र पर ध्यान केन्द्रित करना है। इससे मूलाधार चक्र जाग्रत हो के कुन्डलिनी शक्ति जाग्रत होने में मदद होती है। कपालभाति प्राणायाम करते समय ऐसा सोचना है कि, हमारे शरीर के सारे नगेटिव तत्व शरीर से बाहर जा रहे है। खाना मिले ना मिले मगर रोज कम से कम ५ मिनिट कपालभाति प्राणायाम करना ही है, यह द्रिढ संक्लप करना है।


लाभ

    बालो की सारी समस्याओँ का समाधान प्राप्त होता है।
    चेहरे की झुरियाँ, आँखो के नीचे के डार्क सर्कल मिट जायेंगे|
    थायराँइड की समस्या मिट जाती है।
    सभी प्रकार की चर्म समस्या मिट जाती है।
    आखों की सभी प्रकार की समस्याऐं मिट जाती है, और आँखो की रोशनी लौट आती है।
    दातों की सभी प्रकार की समस्याऐं मिट जाती है और दातों की खतरनाक पायरिया जैसी बीमारी भी ठीक हो जाती है।
    कपालभाति प्राणायाम से शरीर की बढ़ी चर्बी घटती है, यह इस प्राणायाम का सबसे बडा फायदा है।
    कब्ज, ऐसिडिटी, गैस्टि्क जैसी पेट की सभी समस्याएँ मिट जाती हैं।
    यूटरस (महिलाओं) की सभी समस्याओँ का समाधान होता है।
    डायबिटीस संपूर्णतया ठीक होता है।
    कोलेस्ट्रोल को घटाने में भी सहायक है।
    सभी प्रकार की ऐलर्जियाँ मिट जाती हैं।
    सबसे खतरनाक कँन्सर रोग तक ठीक हो जाता है।
    शरीर में स्वतः हीमोग्लोबिन तैयार होता है।
    शरीर मे स्वतः कैलशियम तैयार होता है।
    किडनी स्वतः स्वच्छ होती है, डायलेसिस करने की जरुरत नहीं पड़ती|

No comments :

Post a Comment